हमारे बारे में
परिचय
अभिलेख पतल, जिसका नाम संस्कृत शब्द ‘अभिलेख’ (अर्थ: प्राचीन दस्तावेज़/अभिलेख) तथा ‘पतल’ (अर्थ: मंच अथवा अधिष्ठान) से निर्मित है, राष्ट्रीय अभिलेखागार, भारत (NAI) द्वारा सुव्यवस्थित रूप से विकसित एक डिजिटल अभिलेख भंडार है।
यह अधिष्ठान भारत की ऐतिहासिक धरोहर तक सरल एवं संगठित पहुँच प्रदान करने वाला एक महत्त्वपूर्ण माध्यम है, जिसमें सावधानीपूर्वक संरक्षित दस्तावेज़ों एवं अभिलेखों का विस्तृत संकलन उपलब्ध है।
विशेष उल्लेखनीय है कि ‘PATAL’ संक्षिप्त नाम भी इसके उद्देश्य का द्योतक है — “Portal for Access to Archives & Learning”, अर्थात् अभिलेखों तक पहुँच एवं शिक्षण हेतु पोर्टल।
हमारा उद्देश्य
अपने मूल स्वरूप में, अभिलेख पतल एक डिजिटल पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के ऐतिहासिक अभिलेखों — जिनकी संख्या लगभग 70 लाख (7 मिलियन) है — तक सरल एवं सुव्यवस्थित पहुँच प्रदान करना है।
निरंतर प्रयासों के अंतर्गत, हम इन अभिलेखों को डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित कर रहे हैं, ताकि आधुनिक युग में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
हमारा अभिप्राय
अभिलेख पतल का मूल अभिप्राय यह सुनिश्चित करना है कि ऐतिहासिक अभिलेखों तक पहुँच सरल, सहज और निर्बाध हो—भौगोलिक सीमाओं से परे, विश्वभर के विविध समुदायों को जोड़ते हुए।
यह पतल स्वाभाविक रूप से इतिहास-रसिकों को आकर्षित करता है, किन्तु इसके साथ ही यह ज्ञानार्जन और अन्वेषण की जिज्ञासा रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति का भी हार्दिक स्वागत करता है।
यहाँ शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों तथा ज्ञान की तलाश करने वाले सभी व्यक्तियों को प्राथमिक स्रोत-आधारित अभिलेखों का अध्ययन करने का अवसर प्राप्त होता है, जो ऐतिहासिक घटनाओं, व्यक्तियों तथा सामाजिक परिवर्तनों को स्पष्ट रूप से प्रकाश में लाते हैं।
हमारा प्रावधान
हमारे लगभग 70 लाख (7 मिलियन) अभिलेखों का अनुक्रमण (Index) “संदर्भ उपकरण” (Reference Tools) संग्रह के अंतर्गत उपलब्ध है। राष्ट्रीय अभिलेखागार, भारत (NAI) की टीम इन डिजिटीकृत संदर्भ उपकरणों की सामग्री को क्रमबद्ध रूप में संरचित डेटाबेस में परिवर्तित कर रही है, तथा अब तक लगभग 30 लाख (3 मिलियन) अभिलेखों के मेटाडेटा प्रविष्टियाँ तैयार की जा चुकी हैं। NAI द्वारा 3 लाख (300,000) अभिलेखों से संबंधित लगभग 1.5 करोड़ (15 मिलियन) पृष्ठों का डिजिटलीकरण एवं अपलोडन किया जा चुका है। NAI का लक्ष्य अपने संपूर्ण संग्रह — लगभग 70 लाख अभिलेख एवं 300 करोड़ (300 मिलियन) पृष्ठों — को अभिलेख पतल पर डिजिटीकृत रूप में उपलब्ध कराना है। उपयोक्ताओं की सुविधा के लिए, NAI ने एक विशिष्ट सेवा “पृष्ठ-आवश्यकतानुसार (Page on Demand – POD)” प्रारंभ की है, जिसके माध्यम से उन अभिलेखों के पृष्ठ प्राप्त किए जा सकते हैं जो पूर्ण रूप से डिजिटीकृत होकर पोर्टल पर उपलब्ध हैं। जो अभिलेख संरचित डेटाबेस में उपलब्ध तो हैं, परंतु अभी डिजिटीकृत नहीं हुए हैं, उनके लिए उपयोक्ता “डिजिटाइज़ ऑन डिमांड (Digitize on Demand – DOD)” सेवा के माध्यम से ऑनलाइन अनुरोध कर सकते हैं। वे अभिलेख जो “संदर्भ उपकरण” में तो उपलब्ध हैं, परंतु अभी संरचित डेटाबेस का भाग नहीं बने हैं, उनके संदर्भ में उपयोक्ता अधिक जानकारी हेतु हमारे अनुसंधान कक्ष प्रभारी से इस ईमेल आईडी पर संपर्क कर सकते हैं: “यहाँ ईमेल आईडी प्रदान की जाए”। अभिलेख पतल भारत के अतीत का आपका सुलभ द्वार है— जो गहन अध्ययन-अनुभवों को संभव बनाता है, राष्ट्र की समृद्ध विरासत से गहरा संबंध स्थापित करता है, और इतिहास से लेकर आज के डिजिटल युग तक एक सुदृढ़ सेतु का कार्य करता है।
